लिव इन v/s करवा चौथ : तीसरी किस्त
लिव-इन प्रेमियों का बड़ा ही मासूम तर्क है कि अभी भी तो समाज में चोरी-छिपे यह सब चल रहा है। तो क्यों न खुलेआम यह सब हो। हे विद्वजनों, माना कि यह जहर अभी थोड़ी मात्रा में है, लेकिन बजाय इसका उतारा करने के, आप तो समूची भारतीय संस्कृति को ही जहर में डुबो देने की पैरवी कर रहे हो।
लिव-इन रिलेशनशिप को कानूनी मान्यता मिले या नहीं? इस यक्ष प्रश्न को लेकर नवभारत टाइम्स ने बीते दिनों रायशुमारी की कवायद की। इसे नाम दिया गया-
एनबीटी महाबहस। 65 फीसदी लोगों ने कहा- नहीं। यानी 35 फीसदी अभी भी ऐसे लोग हैं जो भारत को भारत नहीं बना रहने देना चाहते।
जब
मल्लिका शेरावत और
शिल्पा शेट्टी जैसी अभिनेत्रियां देश की दिशा निर्धारित करती दिखती हों और बाजार की शह पाकर अश्लीलता समाज पर हावी हो रही हो, तब यह तो होना ही था।
ईशा देओल तो सार्वजनिक रूप से घोषणा कर चुकी हैं कि वे
शादी से पहले दो साल तक अपने बॉयफ्रेंड के साथ एक ही घर में रहना चाहती हैं। वे दरअसल सुष्मिता सेन से प्रभावित हैं, जिन्होंने अपने
नए बॉयफ्रेंड और अपनी नई फिल्म 'दूल्हा मिल गया' के निर्देशक मुदस्सर अजीज के साथ एक ही घर में बिना शादी के रहना शुरू किया है। देखा-देखी ऐसी ख्वाहिश ईशा देओल के मन में भी जगना ही थी। ईशा ने तो अपनी मां का उदाहरण देते हुए यहां तक कहा कि लिव इन रिलेशनशिप पर उनकी माता जी यानी हेमामालिनी को भी कोई एतराज नहीं है। ईशा कहती हैं कि मेरी मां खुले विचारों की हैं। और यदि मैं शादी किए बगैर ही किसी एक व्यक्ति के साथ रहती हूं तो उन्हें बुरा नहीं लगेगा।
धन्य हो ईशा जैसी आज की बेटियां।सुरेश चंद्र गुप्ता ने अपने
काव्य कुंज में लिव इन के विरोध में गजब की तान छेड़ी है, जो वाकई कान खड़े करने वाली है।
गौर फरमाइए-
एक राजा और एक रानी मिले एक पार्टी में,
गिर पड़े प्यार में एक दूसरे के साथ प्रथम दृष्टि में.
दोनों थे पढ़े-लिखे और बुद्धिजीवी,
प्रगतिशील विचारों के और विरोधी पुरानी मान्यताओं के,
छटपटाते थे मुक्त होने को दकियानूसी सामाजिक प्रथाओं से.
रहने लगे साथ लिव-इन रिलेशनशिप में.
एक दिन राजा गिर पड़ा प्यार में एक और रानी के,
ले आया उसे भी साथ रहने को,
रानी को यह नहीं भाया और उसने भी चक्कर चलाया,
गिर पड़ी प्यार में वह भी एक और राजा के,
बिन विवाह बढ़ने लगा लिव-इन परिवार,
एक रानी मां बनी एक राजकुमारी की.
हमारे मां-बाप ने हमें कोई काम की बात नहीं सिखाई,
हम इसे सब कुछ सिखाएंगे,
हमारे मां-बाप ने जो जिम्मेदारी पूरी नहीं की,वह हम पूरी कर दिखाएंगे,
दूसरी रानी ने पूरी की अपनी जिम्मेदारी,
वह बनी मां एक राजकुमार की,
राजकुमार और राजकुमारी,लिव-इन माता पिता की देख रेख में,
बचपन से ही रहने लगे लिव-इन रिलेशनशिप में.
भारत का पहला लिव-इन परिवार,
देखें कौन तोड़ता हैं इन का रिकार्ड,
कब बनेगा नया रिकार्ड?
तीन राजा और तीन रानी,एक लिव-इन रिलेशनशिप में.
झरोखा जिंदगी का में ख्यात कार्टूनिस्ट
अभिषेक भी अपनी कूची का सुर सुरेशजी की कलम से मिलाते नजर आ रहे हैं।
To be continued…